Wednesday, February 29, 2012

अभी तक याद है....

अभी तक याद है....

तेरा मुझसे वो नज़रें चुराना,
सहेलियों से मेरी बातें छुपाना,
कुछ मुझसे वो अपनी शरारतें बताना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.
तेरा वो मुझे आहिस्ते से पुकारना,
दोस्तों से बातें करते मुझे ही निहारना,
मुझसे करते हुए बातें अपनी रातें गुज़ारना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.
देर से आने पे वो मेरी राह तकना,
मेरे लिए अलग से अपने बैग मे 1 एक्स्ट्रा पेन रखना,
मेरे दोस्तों के सामने मुझसे कुछ ना कह सकना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है .
फिर वो तेरा मुझसे दूरियां बढ़ाना,
अपनी ख्वाहिशों को अपनी मजबूरियां बताना,
अपने सपनो के आँगन मे मेरे अहसासों की चिता जलाना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.....  by
Abhishek Bajaj

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