Wednesday, February 29, 2012

तू भले ना मुझसे प्यार कर,

तू भले ना मुझसे प्यार कर,
मेरे आंसुओ पे ना ऐतबार कर,
किसी और को बना के हमसफ़र,
दुआ है खुश रहे तू उम्र भर,
गुज़ारिश इतनी ही है मेरी सुन कभी,
रु-बरु हो के एक बार तो बात कर,
तुने बेवफाई ना की कभी,
बस खुदा के सामने ये इकरार कर...
Abhishek Bajaj

अभी तक याद है....

अभी तक याद है....

तेरा मुझसे वो नज़रें चुराना,
सहेलियों से मेरी बातें छुपाना,
कुछ मुझसे वो अपनी शरारतें बताना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.
तेरा वो मुझे आहिस्ते से पुकारना,
दोस्तों से बातें करते मुझे ही निहारना,
मुझसे करते हुए बातें अपनी रातें गुज़ारना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.
देर से आने पे वो मेरी राह तकना,
मेरे लिए अलग से अपने बैग मे 1 एक्स्ट्रा पेन रखना,
मेरे दोस्तों के सामने मुझसे कुछ ना कह सकना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है .
फिर वो तेरा मुझसे दूरियां बढ़ाना,
अपनी ख्वाहिशों को अपनी मजबूरियां बताना,
अपने सपनो के आँगन मे मेरे अहसासों की चिता जलाना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.....  by
Abhishek Bajaj

Thursday, February 23, 2012

मुस्कुरा ऐ जिंदगी....

जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले,
फूल बन गुलाब का काँटो मे रह के खुशबू लुटाना सीख ले,
गम का कोई मोल नहीं और खुशियाँ हैं अनमोल यहाँ ,
आंसू छुपा पलकों पे और सबको हँसाना सीख ले.
दिल मे तेरे मातम है तो क्या जशन मना महफिलें सजा,
लोग आयेंगे वंही बस खुशियों का पूछते हुए रास्ता,
ठोकरें कितनी लगी हों सबके सामने खुद को उठाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले.
जिंदगी तो चार दिन की तू अपनी मुश्किलें ना बयान कर,
बाँट खुशियाँ हर दिलों मे अपनी मुश्किलें आसान कर,
दूसरों की खातिर रौशनी हो इस तरह खुद को जलाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले...:)    by Abhishek Bajaj

Friday, February 17, 2012

दिल के ज़ज्बातों को होंठो पे ठिकाना न मिला,


दिल के ज़ज्बातों को होंठो पे ठिकाना न मिला,
हर नए ज़ख्मों के बीच मुस्कुराने का बहाना ना मिला,
मेरे ही शहर के हर शख्स से मिला मै अजनबी की तरह,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
हँसते उसके चेहरे को मै भुलाता तो भुलाता कैसे,
गम की तो लकीरें भी नहीं फिर उन्हें हांथों से मिटाता कैसे,
कितना ढूंढा दर दर जा के पर कँही वो ज़माना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
तन्हाई को मेरा हाथ थमा के तू अपनी मंजिल को चला गया,
मोहब्बत मे खोना किसे कहते हैं चलो इतना तो सीखा गया,
जिस जाम मे न दिखे तेरा चेहरा मयखाने मे वो पैमाना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला….. by Abhishek Bajaj

जा मेरे इश्क तुझे कभी बेवफा नहीं कहेंगे

जा मेरे इश्क तुझे कभी बेवफा नहीं कहेंगे, 
तू है किसी और का इसमें तेरी खता नहीं कहेंगे,
इंतज़ार करेंगे तेरा आखिरी सांस तक,
पर कभी अपने जीने की दुआ नहीं करेंगे.   by Abhishek Bajaj

Wednesday, February 15, 2012

गुज़ारिश

इस रात की गुमनामियों मे कहीं खो ना जाऊं मै ,
यूँ ख्वाब ना दिखा कहीं ताउम्र सो ना जाऊं मै,
कुछ कतरे तेरे प्यार के दिल की गहराइयों मे जा बसे,
इन्हें हवा ना दे तेरी याद की कहीं किसी और का हो ना पाऊं मे.
जीने का मुझको हक तो दे अपनी यादें समेट ले,
या गुजार जिंदगी मेरे साथ आ मेरी बाहों मे लेट ले,
तनहाइयों मे भी खुश हूँ मै तू अपने सर ना कोई इलज़ाम ले,
बस देखने दे मुझे भी रौशनी यूँ ना अपने साए से लपेट ले ....
by Abhishek Bajaj

ख्वाब..

क्यूँ ढूंढ़ता उस ख्वाब को,के कौन जाने किधर गया,
जो साथ है उसे पास रख जो गुज़र गया सो गुज़र गया,
अपना समझ जिसे खुश हुआ अहसास समझ कर भूल जा,
बस नशा था थोडा प्यार का सुबह हुई तो उतर गया,
... उस शख्स का भी क्या कसूर था जो पास होकर भी दूर था,
ये तो ज़माने का दस्तूर है वो भी जमाने संग बदल गया,
ना रखना दिल मे यादों को आँखों को ना रोने देना,
झोंका था एक हवा का,आया और छु के निकल गया....
by Abhishek Bajaj

एक तमन्ना और सही

प्यार का ये बुखार क्यूँ चढ़ने लगा है,

उतर गया था नशा तो क्यूँ बढ़ने लगा है,

मासूमियत उसके चेहरे की क्यूँ सताने लगी है,

आज फिर से इतना प्यारा कोई क्यूँ लगने लगा है.

रातों मे उसकी हसीं याद क्यूँ आने लगी है,

सदियों से फैली ये उदासी चेहरे से जाने लगी है,

इतना प्यारा भला कोई हो भी सकता है,

खुशियाँ शायद फिर से मुझे गले लगाने लगी है.

आँखों मे उसके अपनी तस्वीर सजाना चाहता हूँ,

खुद को उसके मुस्कान की वजह बनाना चाहता हूँ,

होंठो से भले नाम लिया हो मेरा अनजाने मे,

मे बस उसी एक पल मे खो जाना चाहता हूँ.

उसकी हर एक अदा प्यारी लगने लगी है,

दिलो दिमाग पर एक खुमारी चढ़ने लगी है,

देख के उसको सारी थकान उतर सी जाती है,

उसको हर एक पल देखने की बेकरारी बढनें लगी है.

उसकी शरारतें मेरे दिल को बहुत ही भाती हैं,

आहटें उसकी सुनकर ये हवाएं थम सी जाती है,

भीड़ मे भी वो ही वो क्यूँ दिखें मुझे,

आँखें हो बंद तो दबे पाँव ख़्वाबों मे चली आती है.

खुशबू उसकी मेरे मन को महका रही है,

नजाकत उसकी मेरे धड़कनों को बहका रही है,

जुल्फें जो बिखरा ली हैं उसने अपने कंधों पर,

जैसे चाँद को बादलों मे से ले के आ रही है.

तेरी अदाओं मे नादानी का बहाना है,

तुझे बना के ग़ज़ल अपने होंठों पे गुनगुनाना है,

तेरे साये के अहसास से ही मचल जाता हूँ मे,

वो महफ़िल कितनी खूबसूरत होगी जंहाँ तेरा जाना है.  
by Abhishek Bajaj

मज़बूरीयां..

मै सोता रहा तेरी यादों के चराग जला कर,

लगा गयी आग एक हलकी सी हवा आ कर,

इसे मेरी बदनसीबी नहीं तो और क्या कहोगे,

प्यासा रहा मै दरिया के इतने पास जा कर,

आज जब तेरी पुरानी तस्वीरों को पलटा मैंने,

हंसती है कैसे देखो ये भी मुझे रुला कर,

किस्मत ने दिया धोखा और खो दिया तुझे,

क्या करूँगा मै अब सारा जहाँ पा कर,

दिल की गहराइयों मे कितने उतर गए हो तुम,

कोई देख भी नहीं सकता उतनी गहराइयों मे जा कर,

जब तुमने कहा मुझसे के मेरे नहीं हो तुम,

लगा जैसे मौत चली गयी हो मुझको गले लगा कर.....
by Abhishek Bajaj

काश मै तुम्हे अपने गीत सुना पाता,

काश मै तुम्हे अपने गीत सुना पाता,

काश मै तेरी बांहों मे आ पाता,

काश मै तेरे होंठों से निकली हर बात बन जाता,

काश मै तेरी आँखों से गुजरी हर रात बन जाता,

काश मै तेरे दिल मे तेरे धड़कन की तरह रहता,

काश मै तेरी यादों मे तेरे साजन की तरह रहता,

काश मै तेरी हर जरूरत की तरह होता,

काश मै तेरे आईने मे तेरी सूरत की तरह होता,

काश मै तेरे केशों मे लगे गुलाब की तरह होता,

काश मै तेरे नींदों मे आये ख्वाब की तरह होता,

पर ये हो न सका और तू मुझसे जुदा हो गया,

और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह बेवफा हो गया..



पर अब सोचता हूँ.............

काश के मेरे गीतों मे फिर तू समां जाये,

काश के आवाज़ दूँ तुझको और तू आये,

मिले कुछ इस तरह के फिर न जुदा हो,

और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह वफ़ा हो,

वफ़ा हो , वफ़ा हो..........................
by Abhishek Bajaj