Thursday, February 23, 2012

मुस्कुरा ऐ जिंदगी....

जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले,
फूल बन गुलाब का काँटो मे रह के खुशबू लुटाना सीख ले,
गम का कोई मोल नहीं और खुशियाँ हैं अनमोल यहाँ ,
आंसू छुपा पलकों पे और सबको हँसाना सीख ले.
दिल मे तेरे मातम है तो क्या जशन मना महफिलें सजा,
लोग आयेंगे वंही बस खुशियों का पूछते हुए रास्ता,
ठोकरें कितनी लगी हों सबके सामने खुद को उठाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले.
जिंदगी तो चार दिन की तू अपनी मुश्किलें ना बयान कर,
बाँट खुशियाँ हर दिलों मे अपनी मुश्किलें आसान कर,
दूसरों की खातिर रौशनी हो इस तरह खुद को जलाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले...:)    by Abhishek Bajaj

No comments:

Post a Comment