WHY I Love You
Searching Searching & Searching but not even a single answer strikes my mind ................the que always remains the same .......................Why i love you?????
Tuesday, June 5, 2012
Monday, March 26, 2012
mai lafzo se kuch bhi izhaar nahi karti,
mai lafzo se kuch bhi izhaar nahi karti, iska matlab ye nahi mai tumse pyar nahi karti.
chahati hu mai tumhe aaj bhi shiddat se,
par tumhari soch me apna waqt barbaad nahi kari.
tamasha na banjaye kabhi mohabhat meri,
isliye apne dard ka mai ishaar nahi karti..
jo kuch mila hai kush hu ussi me,
tumhare liye kudha se mai ab takraar nahbi karti.
par kuch to baat hai tumhari fitrat me zalim,
warna tumhe chane ki khata mai baar baar nahi karti.......Diksha
chahati hu mai tumhe aaj bhi shiddat se,
par tumhari soch me apna waqt barbaad nahi kari.
tamasha na banjaye kabhi mohabhat meri,
isliye apne dard ka mai ishaar nahi karti..
jo kuch mila hai kush hu ussi me,
tumhare liye kudha se mai ab takraar nahbi karti.
par kuch to baat hai tumhari fitrat me zalim,
warna tumhe chane ki khata mai baar baar nahi karti.......Diksha
Tuesday, March 20, 2012
जो है हर पल इस नज़र मे वो चेहरा तुम्हारा है,..
जो है हर पल इस नज़र मे वो चेहरा तुम्हारा है,
मेरी साँसें तुम्हारी हैं मेरा हर पल तुम्हारा है,
संवारने वाले ने बड़ी सादगी से निखारा है तुझे,
दोनों जहाँ मे नहीं कोई तुझसा प्यारा है.
तेरी तारीफ करने को क्यूँ हर पल ये दिल चाहता है,
तनहा रहना है फिर भी ये महफ़िल चाहता है,
छु लें चाँद को ये ख्वाब हमने भी संवारा है,
काश खुद चाँद कह दे हमसे के वो हमारा है.... Abhishek Bajaj
मेरी साँसें तुम्हारी हैं मेरा हर पल तुम्हारा है,
संवारने वाले ने बड़ी सादगी से निखारा है तुझे,
दोनों जहाँ मे नहीं कोई तुझसा प्यारा है.
तेरी तारीफ करने को क्यूँ हर पल ये दिल चाहता है,
तनहा रहना है फिर भी ये महफ़िल चाहता है,
छु लें चाँद को ये ख्वाब हमने भी संवारा है,
काश खुद चाँद कह दे हमसे के वो हमारा है.... Abhishek Bajaj
Wednesday, February 29, 2012
तू भले ना मुझसे प्यार कर,
तू भले ना मुझसे प्यार कर,
मेरे आंसुओ पे ना ऐतबार कर,
किसी और को बना के हमसफ़र,
दुआ है खुश रहे तू उम्र भर,
गुज़ारिश इतनी ही है मेरी सुन कभी,
रु-बरु हो के एक बार तो बात कर,
तुने बेवफाई ना की कभी,
बस खुदा के सामने ये इकरार कर... Abhishek Bajaj
अभी तक याद है....
अभी तक याद है....
तेरा मुझसे वो नज़रें चुराना,
सहेलियों से मेरी बातें छुपाना,
कुछ मुझसे वो अपनी शरारतें बताना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.
तेरा वो मुझे आहिस्ते से पुकारना,
दोस्तों से बातें करते मुझे ही निहारना,
मुझसे करते हुए बातें अपनी रातें गुज़ारना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है.
देर से आने पे वो मेरी राह तकना,
मेरे लिए अलग से अपने बैग मे 1 एक्स्ट्रा पेन रखना,
मेरे दोस्तों के सामने मुझसे कुछ ना कह सकना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है .
फिर वो तेरा मुझसे दूरियां बढ़ाना,
अपनी ख्वाहिशों को अपनी मजबूरियां बताना,
अपने सपनो के आँगन मे मेरे अहसासों की चिता जलाना,
ना जाने क्यों मुझे अभी तक याद है..... by Abhishek Bajaj
Thursday, February 23, 2012
मुस्कुरा ऐ जिंदगी....
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले,
फूल बन गुलाब का काँटो मे रह के खुशबू लुटाना सीख ले,
गम का कोई मोल नहीं और खुशियाँ हैं अनमोल यहाँ ,
आंसू छुपा पलकों पे और सबको हँसाना सीख ले.
दिल मे तेरे मातम है तो क्या जशन मना महफिलें सजा,
लोग आयेंगे वंही बस खुशियों का पूछते हुए रास्ता,
ठोकरें कितनी लगी हों सबके सामने खुद को उठाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले.
जिंदगी तो चार दिन की तू अपनी मुश्किलें ना बयान कर,
बाँट खुशियाँ हर दिलों मे अपनी मुश्किलें आसान कर,
दूसरों की खातिर रौशनी हो इस तरह खुद को जलाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले...:) by Abhishek Bajaj
फूल बन गुलाब का काँटो मे रह के खुशबू लुटाना सीख ले,
गम का कोई मोल नहीं और खुशियाँ हैं अनमोल यहाँ ,
आंसू छुपा पलकों पे और सबको हँसाना सीख ले.
दिल मे तेरे मातम है तो क्या जशन मना महफिलें सजा,
लोग आयेंगे वंही बस खुशियों का पूछते हुए रास्ता,
ठोकरें कितनी लगी हों सबके सामने खुद को उठाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले.
जिंदगी तो चार दिन की तू अपनी मुश्किलें ना बयान कर,
बाँट खुशियाँ हर दिलों मे अपनी मुश्किलें आसान कर,
दूसरों की खातिर रौशनी हो इस तरह खुद को जलाना सीख ले,
जिंदगी तू गम मे है तो क्या तू मुस्कुराना सीख ले...:) by Abhishek Bajaj
Friday, February 17, 2012
दिल के ज़ज्बातों को होंठो पे ठिकाना न मिला,
दिल के ज़ज्बातों को होंठो पे ठिकाना न मिला,
हर नए ज़ख्मों के बीच मुस्कुराने का बहाना ना मिला,
मेरे ही शहर के हर शख्स से मिला मै अजनबी की तरह,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
हँसते उसके चेहरे को मै भुलाता तो भुलाता कैसे,
गम की तो लकीरें भी नहीं फिर उन्हें हांथों से मिटाता कैसे,
कितना ढूंढा दर दर जा के पर कँही वो ज़माना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
तन्हाई को मेरा हाथ थमा के तू अपनी मंजिल को चला गया,
मोहब्बत मे खोना किसे कहते हैं चलो इतना तो सीखा गया,
जिस जाम मे न दिखे तेरा चेहरा मयखाने मे वो पैमाना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला….. by Abhishek Bajaj
जा मेरे इश्क तुझे कभी बेवफा नहीं कहेंगे
जा मेरे इश्क तुझे कभी बेवफा नहीं कहेंगे,
तू है किसी और का इसमें तेरी खता नहीं कहेंगे,
इंतज़ार करेंगे तेरा आखिरी सांस तक,
पर कभी अपने जीने की दुआ नहीं करेंगे. by Abhishek Bajaj
तू है किसी और का इसमें तेरी खता नहीं कहेंगे,
इंतज़ार करेंगे तेरा आखिरी सांस तक,
पर कभी अपने जीने की दुआ नहीं करेंगे. by Abhishek Bajaj
Wednesday, February 15, 2012
गुज़ारिश
इस रात की गुमनामियों मे कहीं खो ना जाऊं मै ,
यूँ ख्वाब ना दिखा कहीं ताउम्र सो ना जाऊं मै,
कुछ कतरे तेरे प्यार के दिल की गहराइयों मे जा बसे,
इन्हें हवा ना दे तेरी याद की कहीं किसी और का हो ना पाऊं मे.
जीने का मुझको हक तो दे अपनी यादें समेट ले,
या गुजार जिंदगी मेरे साथ आ मेरी बाहों मे लेट ले,
तनहाइयों मे भी खुश हूँ मै तू अपने सर ना कोई इलज़ाम ले,
बस देखने दे मुझे भी रौशनी यूँ ना अपने साए से लपेट ले ....by Abhishek Bajaj
यूँ ख्वाब ना दिखा कहीं ताउम्र सो ना जाऊं मै,
कुछ कतरे तेरे प्यार के दिल की गहराइयों मे जा बसे,
इन्हें हवा ना दे तेरी याद की कहीं किसी और का हो ना पाऊं मे.
जीने का मुझको हक तो दे अपनी यादें समेट ले,
या गुजार जिंदगी मेरे साथ आ मेरी बाहों मे लेट ले,
तनहाइयों मे भी खुश हूँ मै तू अपने सर ना कोई इलज़ाम ले,
बस देखने दे मुझे भी रौशनी यूँ ना अपने साए से लपेट ले ....by Abhishek Bajaj
ख्वाब..
क्यूँ ढूंढ़ता उस ख्वाब को,के कौन जाने किधर गया,
जो साथ है उसे पास रख जो गुज़र गया सो गुज़र गया,
अपना समझ जिसे खुश हुआ अहसास समझ कर भूल जा,
बस नशा था थोडा प्यार का सुबह हुई तो उतर गया,
... उस शख्स का भी क्या कसूर था जो पास होकर भी दूर था,
ये तो ज़माने का दस्तूर है वो भी जमाने संग बदल गया,
ना रखना दिल मे यादों को आँखों को ना रोने देना,
झोंका था एक हवा का,आया और छु के निकल गया....by Abhishek Bajaj
जो साथ है उसे पास रख जो गुज़र गया सो गुज़र गया,
अपना समझ जिसे खुश हुआ अहसास समझ कर भूल जा,
बस नशा था थोडा प्यार का सुबह हुई तो उतर गया,
... उस शख्स का भी क्या कसूर था जो पास होकर भी दूर था,
ये तो ज़माने का दस्तूर है वो भी जमाने संग बदल गया,
ना रखना दिल मे यादों को आँखों को ना रोने देना,
झोंका था एक हवा का,आया और छु के निकल गया....by Abhishek Bajaj
एक तमन्ना और सही
प्यार का ये बुखार क्यूँ चढ़ने लगा है,
उतर गया था नशा तो क्यूँ बढ़ने लगा है,
मासूमियत उसके चेहरे की क्यूँ सताने लगी है,
आज फिर से इतना प्यारा कोई क्यूँ लगने लगा है.
रातों मे उसकी हसीं याद क्यूँ आने लगी है,
सदियों से फैली ये उदासी चेहरे से जाने लगी है,
इतना प्यारा भला कोई हो भी सकता है,
खुशियाँ शायद फिर से मुझे गले लगाने लगी है.
आँखों मे उसके अपनी तस्वीर सजाना चाहता हूँ,
खुद को उसके मुस्कान की वजह बनाना चाहता हूँ,
होंठो से भले नाम लिया हो मेरा अनजाने मे,
मे बस उसी एक पल मे खो जाना चाहता हूँ.
उसकी हर एक अदा प्यारी लगने लगी है,
दिलो दिमाग पर एक खुमारी चढ़ने लगी है,
देख के उसको सारी थकान उतर सी जाती है,
उसको हर एक पल देखने की बेकरारी बढनें लगी है.
उसकी शरारतें मेरे दिल को बहुत ही भाती हैं,
आहटें उसकी सुनकर ये हवाएं थम सी जाती है,
भीड़ मे भी वो ही वो क्यूँ दिखें मुझे,
आँखें हो बंद तो दबे पाँव ख़्वाबों मे चली आती है.
खुशबू उसकी मेरे मन को महका रही है,
नजाकत उसकी मेरे धड़कनों को बहका रही है,
जुल्फें जो बिखरा ली हैं उसने अपने कंधों पर,
जैसे चाँद को बादलों मे से ले के आ रही है.
तेरी अदाओं मे नादानी का बहाना है,
तुझे बना के ग़ज़ल अपने होंठों पे गुनगुनाना है,
तेरे साये के अहसास से ही मचल जाता हूँ मे,
वो महफ़िल कितनी खूबसूरत होगी जंहाँ तेरा जाना है. by Abhishek Bajaj
उतर गया था नशा तो क्यूँ बढ़ने लगा है,
मासूमियत उसके चेहरे की क्यूँ सताने लगी है,
आज फिर से इतना प्यारा कोई क्यूँ लगने लगा है.
रातों मे उसकी हसीं याद क्यूँ आने लगी है,
सदियों से फैली ये उदासी चेहरे से जाने लगी है,
इतना प्यारा भला कोई हो भी सकता है,
खुशियाँ शायद फिर से मुझे गले लगाने लगी है.
आँखों मे उसके अपनी तस्वीर सजाना चाहता हूँ,
खुद को उसके मुस्कान की वजह बनाना चाहता हूँ,
होंठो से भले नाम लिया हो मेरा अनजाने मे,
मे बस उसी एक पल मे खो जाना चाहता हूँ.
उसकी हर एक अदा प्यारी लगने लगी है,
दिलो दिमाग पर एक खुमारी चढ़ने लगी है,
देख के उसको सारी थकान उतर सी जाती है,
उसको हर एक पल देखने की बेकरारी बढनें लगी है.
उसकी शरारतें मेरे दिल को बहुत ही भाती हैं,
आहटें उसकी सुनकर ये हवाएं थम सी जाती है,
भीड़ मे भी वो ही वो क्यूँ दिखें मुझे,
आँखें हो बंद तो दबे पाँव ख़्वाबों मे चली आती है.
खुशबू उसकी मेरे मन को महका रही है,
नजाकत उसकी मेरे धड़कनों को बहका रही है,
जुल्फें जो बिखरा ली हैं उसने अपने कंधों पर,
जैसे चाँद को बादलों मे से ले के आ रही है.
तेरी अदाओं मे नादानी का बहाना है,
तुझे बना के ग़ज़ल अपने होंठों पे गुनगुनाना है,
तेरे साये के अहसास से ही मचल जाता हूँ मे,
वो महफ़िल कितनी खूबसूरत होगी जंहाँ तेरा जाना है. by Abhishek Bajaj
मज़बूरीयां..
मै सोता रहा तेरी यादों के चराग जला कर,
लगा गयी आग एक हलकी सी हवा आ कर,
इसे मेरी बदनसीबी नहीं तो और क्या कहोगे,
प्यासा रहा मै दरिया के इतने पास जा कर,
आज जब तेरी पुरानी तस्वीरों को पलटा मैंने,
हंसती है कैसे देखो ये भी मुझे रुला कर,
किस्मत ने दिया धोखा और खो दिया तुझे,
क्या करूँगा मै अब सारा जहाँ पा कर,
दिल की गहराइयों मे कितने उतर गए हो तुम,
कोई देख भी नहीं सकता उतनी गहराइयों मे जा कर,
जब तुमने कहा मुझसे के मेरे नहीं हो तुम,
लगा जैसे मौत चली गयी हो मुझको गले लगा कर.....by Abhishek Bajaj
लगा गयी आग एक हलकी सी हवा आ कर,
इसे मेरी बदनसीबी नहीं तो और क्या कहोगे,
प्यासा रहा मै दरिया के इतने पास जा कर,
आज जब तेरी पुरानी तस्वीरों को पलटा मैंने,
हंसती है कैसे देखो ये भी मुझे रुला कर,
किस्मत ने दिया धोखा और खो दिया तुझे,
क्या करूँगा मै अब सारा जहाँ पा कर,
दिल की गहराइयों मे कितने उतर गए हो तुम,
कोई देख भी नहीं सकता उतनी गहराइयों मे जा कर,
जब तुमने कहा मुझसे के मेरे नहीं हो तुम,
लगा जैसे मौत चली गयी हो मुझको गले लगा कर.....by Abhishek Bajaj
काश मै तुम्हे अपने गीत सुना पाता,
काश मै तुम्हे अपने गीत सुना पाता,
काश मै तेरी बांहों मे आ पाता,
काश मै तेरे होंठों से निकली हर बात बन जाता,
काश मै तेरी आँखों से गुजरी हर रात बन जाता,
काश मै तेरे दिल मे तेरे धड़कन की तरह रहता,
काश मै तेरी यादों मे तेरे साजन की तरह रहता,
काश मै तेरी हर जरूरत की तरह होता,
काश मै तेरे आईने मे तेरी सूरत की तरह होता,
काश मै तेरे केशों मे लगे गुलाब की तरह होता,
काश मै तेरे नींदों मे आये ख्वाब की तरह होता,
पर ये हो न सका और तू मुझसे जुदा हो गया,
और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह बेवफा हो गया..
पर अब सोचता हूँ.............
काश के मेरे गीतों मे फिर तू समां जाये,
काश के आवाज़ दूँ तुझको और तू आये,
मिले कुछ इस तरह के फिर न जुदा हो,
और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह वफ़ा हो,
वफ़ा हो , वफ़ा हो..........................by Abhishek Bajaj
काश मै तेरी बांहों मे आ पाता,
काश मै तेरे होंठों से निकली हर बात बन जाता,
काश मै तेरी आँखों से गुजरी हर रात बन जाता,
काश मै तेरे दिल मे तेरे धड़कन की तरह रहता,
काश मै तेरी यादों मे तेरे साजन की तरह रहता,
काश मै तेरी हर जरूरत की तरह होता,
काश मै तेरे आईने मे तेरी सूरत की तरह होता,
काश मै तेरे केशों मे लगे गुलाब की तरह होता,
काश मै तेरे नींदों मे आये ख्वाब की तरह होता,
पर ये हो न सका और तू मुझसे जुदा हो गया,
और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह बेवफा हो गया..
पर अब सोचता हूँ.............
काश के मेरे गीतों मे फिर तू समां जाये,
काश के आवाज़ दूँ तुझको और तू आये,
मिले कुछ इस तरह के फिर न जुदा हो,
और मेरे गीतों मे वफ़ा की जगह वफ़ा हो,
वफ़ा हो , वफ़ा हो..........................by Abhishek Bajaj
Wednesday, November 30, 2011
क्यूँ ढूंढ़ता उस ख्वाब को,के कौन जाने किधर गया,
क्यूँ ढूंढ़ता उस ख्वाब को,के कौन जाने किधर गया,
जो साथ है उसे पास रख जो गुज़र गया सो गुज़र गया,
अपना समझ जिसे खुश हुआ अहसास समझ कर भूल जा,
बस नशा था थोडा प्यार का सुबह हुई तो उतर गया,
उस शख्स का भी क्या कसूर था जो पास होकर भी दूर था,
ये तो ज़माने का दस्तूर है वो भी जमाने संग बदल गया,
ना रखना दिल मे यादों को आँखों को ना रोने देना,
झोंका था एक हवा का,आया और छु के निकल गया....by Abhishek Bajaj
Saturday, November 19, 2011
क्या खूब था राहो में यू ही मिल जाना तेरा.
You don't love a woman because she is beautiful,
but she is beautiful because you love her
but she is beautiful because you love her
Tuesday, October 11, 2011
Friday, September 2, 2011
दिल, इस सोच में रहता है
!!!!!!!.......दिल, इस सोच में रहता है
यूं होता तो क्या होता, यूं होता तो क्या होता ......... ग़ैरों से कहा तुमने, ग़ैरों से सुना तुमने
कुछ हमसे कहा होता, कुछ हमसे सुना होता....!!!!!!!!
यूं होता तो क्या होता, यूं होता तो क्या होता ......... ग़ैरों से कहा तुमने, ग़ैरों से सुना तुमने
कुछ हमसे कहा होता, कुछ हमसे सुना होता....!!!!!!!!
Wednesday, August 31, 2011
कोई मेरा मुझसे परिचय करा दे...!!!!
You're the only one whom I Love You're the only one whom I love The only one that I adore You're the only one I see And I couldn't ask for more
!!!!!!!......कोई मेरा मुझसे परिचय करा दे
एक अर्से से खुद को खोजता हूँ मै
क्यूँ उसी का ख्याल आता है दिल मे
खुद के बारे मे भी जब सोचता हूँ मै................
Friday, August 26, 2011
sochta hu ki tumhe kya du...
sochta hu ki tumhe kya du...
ke khitaab hi kya du....
ke phool ka to mujhe pata nahi....
par gulab ko gulab hi kya du......
Friday, August 12, 2011
......jab teri yaado ka shama hota hai....
jab teri yaado ka shama hota hai
Dil ko chain kahan hota hai
Hausala nahi tujhe bhool jane ka
Kaam sadiyon ka lamho me kahan hota hai
Teri yaaden
||||||||||||||||||||||...................Teri yaaden kya apni saanso ko bhi alwida kah deta mai !!
Tune pyar se gale to lagaya hota.........|||||||||||||||
Wednesday, July 27, 2011
दिल के ज़ज्बातों को होंठो पे ठिकाना न मिला.........
दिल के ज़ज्बातों को होंठो पे ठिकाना न मिला,
हर नए ज़ख्मों के बीच मुस्कुराने का बहाना ना मिला,
मेरे ही शहर के हर शख्स से मिला मै अजनबी की तरह,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
हँसते उसके चेहरे को मै भुलाता तो भुलाता कैसे,
गम की तो लकीरें भी नहीं फिर उन्हें हांथों से मिटाता कैसे,
कितना ढूंढा दर दर जा के पर कँही वो ज़माना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
तन्हाई को मेरा हाथ थमा के तू अपनी मंजिल को चला गया,
मोहब्बत मे खोना किसे कहते हैं चलो इतना तो सीखा गया,
जिस जाम मे न दिखे तेरा चेहरा मयखाने मे वो पैमाना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला…..
हर नए ज़ख्मों के बीच मुस्कुराने का बहाना ना मिला,
मेरे ही शहर के हर शख्स से मिला मै अजनबी की तरह,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
हँसते उसके चेहरे को मै भुलाता तो भुलाता कैसे,
गम की तो लकीरें भी नहीं फिर उन्हें हांथों से मिटाता कैसे,
कितना ढूंढा दर दर जा के पर कँही वो ज़माना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला,
तन्हाई को मेरा हाथ थमा के तू अपनी मंजिल को चला गया,
मोहब्बत मे खोना किसे कहते हैं चलो इतना तो सीखा गया,
जिस जाम मे न दिखे तेरा चेहरा मयखाने मे वो पैमाना ना मिला,
आज दोस्तों की महफ़िल मे भी मुझे कोई दोस्त पुराना ना मिला…..
Friday, June 24, 2011
मै सोता रहा तेरी यादों के चराग जला कर
मै सोता रहा तेरी यादों के चराग जला कर, लगा गयी आग एक हलकी सी हवा आ कर, इसे मेरी बदनसीबी नहीं तो और क्या कहोगे, प्यासा रहा मै दरिया के इतने पास जा कर, आज जब तेरी पुरानी तस्वीरों को पलटा मैंने, हंसती है कैसे देखो ये भी मुझे रुला कर, किस्मत ने दिया धोखा और ...खो दिया तुझे, क्या करूँगा मै अब सारा जहाँ पा कर, दिल की गहराइयों मे कितने उतर गए हो तुम, कोई देख भी नहीं सकता उतनी गहराइयों मे जा कर, जब तुमने कहा मुझसे के मेरे नहीं हो तुम, लगा जैसे मौत चली गयी हो मुझको गले लगा कर.....
Thursday, June 23, 2011
किसी ने पूछा दोस्ती क्या है?
किसी ने पूछा दोस्ती क्या है?मैने काँटो पर चल कर बता दिया। कितना प्यार करोगे दोस्त क?मैने पूरा आसमान दिखा दिया। कैसे रखोगे दोस्त को?मैने हल्के से फूलों को सहला दिया। किसी की नज़र लग गई तो?मैंने पलकों में उस को छुपा दिया। जान से भी प्यारा दोस्त कैसा हो?मैंने आपका नाम बता दिया!
Wednesday, June 22, 2011
रास्ते में ही छोड़कर उन्हे जाने कि आदत है..............
रास्ते में ही छोड़कर उन्हे जाने कि आदत है वो मेरे हर झूठ से खुश होती, थी जिसे हमेशा सच बोलने की आदत थी, वो एक आंसू भी गिरने पर खफा होती थी, जिसे तन्हाई में रोने की आदत थी, वो कहती थी की मुझे भूल जाओगे, जिसे मेरी हर बात याद रखने की आदत थी, हमेशा माफ़ी मांगने के बहाने से, रोज़ गलतियाँ करना उसकी आदत थी, वो जो दिल जान न्योछावर करती थी मुझ पर, मगर छोटी सी बात पर रूठना उसकी आदत थी, हम उसके साथ चल दिए पर ये नहीं जानते थे, की वो हमें जिंदगी की रहा छोड़ जाये गे जिन को हमारे साथ चलने की आदत थी............
Wednesday, June 8, 2011
Kahan Ki Muhabbat Kahan Ke Fasaane
Kahan Ki Muhabbat Kahan Ke Fasaane
Peene Pilane Ke Sab Hain Bahane
Khushi Main Bhi Pee Hai
Tu Gham Main Bhi Pee Hai
Hain Masti Bhare Ye Maykady Ke Pemaane
...Peene Pilane Ke Sab Hain Bahane
Sataaye Na Humko Kabhi Yaad E Maazi
Chalo Bhul Jaayen Wo Guzre Zamaane
Peene Pilane Ke Sab Hain Bahane
Chalo Ab Tu Gumnaam Es Maykady Se
Tumhen Dafn Karne Hain Sab Gham Puraane
Peene Pilane Ke Sab Hain Bahane..
Sab Hain Bahane...
Monday, April 18, 2011
Crazy.. about.... you............
There isn't a single minute of the day that
I'm not thinking of you.
You are always in the center of my thoughts.
There is no way
I could ever forget how sweat and lovely you are!!
I have to admit, I AM CRAZY ABOUT YOU!!!!
I don't think you will ever realize how strong this feeling is.
I'm not thinking of you.
You are always in the center of my thoughts.
There is no way
I could ever forget how sweat and lovely you are!!
I have to admit, I AM CRAZY ABOUT YOU!!!!
I don't think you will ever realize how strong this feeling is.
Sunday, February 20, 2011
Just this one moment I ask this from you,
Just this one moment I ask this from you,
just one more time to show you my love is true.
I will set aside all the word of anger you have said,
just grant me this last place in time before I am dead.
I will not proclaim the hate I feel inside,
let me hold you close and have you be at my side.
You left me when I needed you the most.
In tears I begged you to come just this one last time,
forget your hate and I will forgive your crime.
Take my hand like you have done before,
see into my dieing eyes and see into my heart’s core.
I have loved no other like I have ever loved you,
now life has set its stage for me and I know what I must do.
My body crumbles and my spirit can now be laid to rest,
for lover, friend and mate you are the very best.
I close my eyes and whisper these last words to you,
for I have and will always love you.
Hit for my friends blog.. Vaibhav Srivastava
just one more time to show you my love is true.
I will set aside all the word of anger you have said,
just grant me this last place in time before I am dead.
I will not proclaim the hate I feel inside,
let me hold you close and have you be at my side.
You left me when I needed you the most.
In tears I begged you to come just this one last time,
forget your hate and I will forgive your crime.
Take my hand like you have done before,
see into my dieing eyes and see into my heart’s core.
I have loved no other like I have ever loved you,
now life has set its stage for me and I know what I must do.
My body crumbles and my spirit can now be laid to rest,
for lover, friend and mate you are the very best.
I close my eyes and whisper these last words to you,
for I have and will always love you.
Hit for my friends blog.. Vaibhav Srivastava
Saturday, February 19, 2011
Tune Jo Na kaha
Tune jo na kaha
main wo sunta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
hmm hmm.. hmm hmm
hmm hmm.. hmm hmm
tune jo na kaha
main wo sunta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
jaane kis ki hamein
lag gayi hai nazar
is shehar mein na
apna thikana raha
door chaahat se main
apni chalta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
gar wo pehle se hai zyaada
khud se phir ye kiya vaada
khamosh nazrein
rahe be zubaan
hmm hmm.. hmm hmm
baaton mein pehle si baatein hai
bolo to lab thartharate hai
raaz ye dil ka
na ho bayaan
ho gaya ke asar
koi hum pe nahi
hum safar mein to hai
humsafar hai nahi
door jaata raha
paas aata raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
hmm hmm.. hmm hmm
aaya wo phir nazar aise
baat chidne lagi phir se
aankho mein chubhta
kal ka dhuan
hmm hmm.. hmm hmm
haal tera na hum sa hai
kis khushi mein
kyun ghum sa hi
basne laga kyun
phir wo jahan
wo jahan door
jisse gaye the nikal
phir se yaadon ne
kar di hai jaise pehal
lamha beeta hua
dil dhukhaata raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
tune jo na kaha
main wo sunta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
jaane kis ki humein
lag gayi hai nazar
is shehar mein na
apna thikana raha
door chaahat se main
apni chalta raha
bujh gayi aag thi
daag jalta raha
main wo sunta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
hmm hmm.. hmm hmm
hmm hmm.. hmm hmm
tune jo na kaha
main wo sunta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
jaane kis ki hamein
lag gayi hai nazar
is shehar mein na
apna thikana raha
door chaahat se main
apni chalta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
gar wo pehle se hai zyaada
khud se phir ye kiya vaada
khamosh nazrein
rahe be zubaan
hmm hmm.. hmm hmm
baaton mein pehle si baatein hai
bolo to lab thartharate hai
raaz ye dil ka
na ho bayaan
ho gaya ke asar
koi hum pe nahi
hum safar mein to hai
humsafar hai nahi
door jaata raha
paas aata raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
hmm hmm.. hmm hmm
aaya wo phir nazar aise
baat chidne lagi phir se
aankho mein chubhta
kal ka dhuan
hmm hmm.. hmm hmm
haal tera na hum sa hai
kis khushi mein
kyun ghum sa hi
basne laga kyun
phir wo jahan
wo jahan door
jisse gaye the nikal
phir se yaadon ne
kar di hai jaise pehal
lamha beeta hua
dil dhukhaata raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
tune jo na kaha
main wo sunta raha
khaamkha bewajah
khwaab bunta raha
jaane kis ki humein
lag gayi hai nazar
is shehar mein na
apna thikana raha
door chaahat se main
apni chalta raha
bujh gayi aag thi
daag jalta raha
Monday, January 24, 2011
Courage
The courage ==> I need
I need the courage ==> to control my instincts
The courage ==> I need to face my fears
I need the courage ==> to see the future
The courage ==> I need to compare facts and opinion
I need the courage ==> to think right
The courage ==> I need to see if my friends trust me
I need the courage ==> to ask questions
The courage ==> I need to survive
I need the courage ==> to convince myself to do something
I have to prepare myself for any thing that comes up!
I need the courage ==> to control my instincts
The courage ==> I need to face my fears
I need the courage ==> to see the future
The courage ==> I need to compare facts and opinion
I need the courage ==> to think right
The courage ==> I need to see if my friends trust me
I need the courage ==> to ask questions
The courage ==> I need to survive
I need the courage ==> to convince myself to do something
I have to prepare myself for any thing that comes up!
Sunday, January 16, 2011
koi jab tumhaara
koi jab tumhaara
hriiday tod de
tadapta hua jab
koi chhod de
tab tum mere paas
aana priye
mera dar khula hai
khula hi rahega
tumhaare liye
koi jab
abhi tum ko meri
zaroorat nahi
bahut chaahne waale
mil jaayenge
abhi roop ka ek
saagar ho tum
kanval jitne chaahogi
khil jaayenge
darpan tumhen
jab daraane lage
jawaani bhi daaman
chhudaane lage
tab tum mere paas
aana priye
mera sar jhuka hai
jhuka hi rahega
tumhaare liye
koi jab
koi shart hoti nahi
pyaar mein
magar pyaar sharton pe
tumne kiya
nazar mein sitaare
jo chamke zara
bujhane lagi
aarti ka diya
jab apni nazar mein hi
girne lago
andheron mein apne hi
ghirne lago
tab tum mere paas
aana priye
ye deepak jala hai
jala hi rahega
tumhaare liye
koi jab
hriiday tod de
tadapta hua jab
koi chhod de
tab tum mere paas
aana priye
mera dar khula hai
khula hi rahega
tumhaare liye
koi jab
abhi tum ko meri
zaroorat nahi
bahut chaahne waale
mil jaayenge
abhi roop ka ek
saagar ho tum
kanval jitne chaahogi
khil jaayenge
darpan tumhen
jab daraane lage
jawaani bhi daaman
chhudaane lage
tab tum mere paas
aana priye
mera sar jhuka hai
jhuka hi rahega
tumhaare liye
koi jab
koi shart hoti nahi
pyaar mein
magar pyaar sharton pe
tumne kiya
nazar mein sitaare
jo chamke zara
bujhane lagi
aarti ka diya
jab apni nazar mein hi
girne lago
andheron mein apne hi
ghirne lago
tab tum mere paas
aana priye
ye deepak jala hai
jala hi rahega
tumhaare liye
koi jab
Tuesday, January 11, 2011
Chalo ek baar phir se,
Chalo ek baar phir se, ajnabi ban jaye hum dono
Na main tumse koi ummeed rakhoon dilnavaazi ki
Na tum meri taraf dekho galat andaaz nazaron se
Na mere dil ki dhadkan ladkhadaaye meri baaton mein
Na zaahir ho tumhaari kashm-kash ka raaz nazaron se
Tumhen bhi koi uljhan rokti hai peshkadmi se
Mujhe bhi log kehte hain, k yeh jalve paraaye hain
Mere hamraah bhi rusvaaiyaan hain mere maazi ki
Tumhaare saath bhi guzri hui raaton k saaye hain
Taarruf rog ho jaaye to usko bhoolnaa behtar
Taalluk bojh ban jaaye to usko todnaa acha
Woh afsaana jise anjaam tak laana na ho mumkin
Usey ek khoobsoorat mod dekar chhodna acha
Na main tumse koi ummeed rakhoon dilnavaazi ki
Na tum meri taraf dekho galat andaaz nazaron se
Na mere dil ki dhadkan ladkhadaaye meri baaton mein
Na zaahir ho tumhaari kashm-kash ka raaz nazaron se
Tumhen bhi koi uljhan rokti hai peshkadmi se
Mujhe bhi log kehte hain, k yeh jalve paraaye hain
Mere hamraah bhi rusvaaiyaan hain mere maazi ki
Tumhaare saath bhi guzri hui raaton k saaye hain
Taarruf rog ho jaaye to usko bhoolnaa behtar
Taalluk bojh ban jaaye to usko todnaa acha
Woh afsaana jise anjaam tak laana na ho mumkin
Usey ek khoobsoorat mod dekar chhodna acha
Friday, December 24, 2010
Kahin ek masoom nazuksi ladki bahut khubsoorat
Kahin ek masoom nazuksi ladki bahut khubsoorat
magar saamne se bahut khubsoorat
Mujhey apne khwabon ki bahon me pakar
kabhi neend me muskurati toh hogi
usi neend garm sansey uthakar
saranese takiye girati toh hogi
kahin ek masoom nazuk si ladki
Chalo khat likhey jee main aahta toh hoga
magar ungliyan kap kapati toh hongi
kalam haath se chut jaata toh hoga
umange kalam phir uthati toh hongi
mera naam apni kitabon me lik kar
woh daton me ungli dabati toh hongi
kahin ek masoom nazuk si ladki
Zuban se kahin uuf nikalti toh hogi
badan dhirey dhirey simat ta to hoga
kahin pe pao padtey toh honge
zamin par dupata sisakta toh hoga
kabhi subho ko sham kaheti toh hongi
kabhi raat ko din batati toh hongi
kahin ek masoom nazuk si ladki
bahut khubsoorat
magar samne se bahut khubsoorat
magar saamne se bahut khubsoorat
Mujhey apne khwabon ki bahon me pakar
kabhi neend me muskurati toh hogi
usi neend garm sansey uthakar
saranese takiye girati toh hogi
kahin ek masoom nazuk si ladki
Chalo khat likhey jee main aahta toh hoga
magar ungliyan kap kapati toh hongi
kalam haath se chut jaata toh hoga
umange kalam phir uthati toh hongi
mera naam apni kitabon me lik kar
woh daton me ungli dabati toh hongi
kahin ek masoom nazuk si ladki
Zuban se kahin uuf nikalti toh hogi
badan dhirey dhirey simat ta to hoga
kahin pe pao padtey toh honge
zamin par dupata sisakta toh hoga
kabhi subho ko sham kaheti toh hongi
kabhi raat ko din batati toh hongi
kahin ek masoom nazuk si ladki
bahut khubsoorat
magar samne se bahut khubsoorat
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