मै सोता रहा तेरी यादों के चराग जला कर,
लगा गयी आग एक हलकी सी हवा आ कर,
इसे मेरी बदनसीबी नहीं तो और क्या कहोगे,
प्यासा रहा मै दरिया के इतने पास जा कर,
आज जब तेरी पुरानी तस्वीरों को पलटा मैंने,
हंसती है कैसे देखो ये भी मुझे रुला कर,
किस्मत ने दिया धोखा और खो दिया तुझे,
क्या करूँगा मै अब सारा जहाँ पा कर,
दिल की गहराइयों मे कितने उतर गए हो तुम,
कोई देख भी नहीं सकता उतनी गहराइयों मे जा कर,
जब तुमने कहा मुझसे के मेरे नहीं हो तुम,
लगा जैसे मौत चली गयी हो मुझको गले लगा कर.....by Abhishek Bajaj
लगा गयी आग एक हलकी सी हवा आ कर,
इसे मेरी बदनसीबी नहीं तो और क्या कहोगे,
प्यासा रहा मै दरिया के इतने पास जा कर,
आज जब तेरी पुरानी तस्वीरों को पलटा मैंने,
हंसती है कैसे देखो ये भी मुझे रुला कर,
किस्मत ने दिया धोखा और खो दिया तुझे,
क्या करूँगा मै अब सारा जहाँ पा कर,
दिल की गहराइयों मे कितने उतर गए हो तुम,
कोई देख भी नहीं सकता उतनी गहराइयों मे जा कर,
जब तुमने कहा मुझसे के मेरे नहीं हो तुम,
लगा जैसे मौत चली गयी हो मुझको गले लगा कर.....by Abhishek Bajaj
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